मल्टीमीटर की सहायता से प्रतिरोध मान का टेस्ट कैसे करे | Testing Of Resistors Value

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प्रतिरोधकों की टेस्टिंग (Testing Of Resistors):— स्वागत है आप लोगो का इलेक्ट्रिक टॉपिक ब्लॉग पर आज के इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे की प्रतिरोध की टेस्टिंग कैसे की जाती है तथा इसके साथ ही सीखेगे की प्रतिरोध की टेस्टिंग करते समय किन–किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Pratirodh Maan Ki Testing
Resistance Value Test In Hindi
मल्टीमीटर की सहायता से प्रतिरोध मान का टेस्ट कैसे करे (Testing Of Resistors Value In Hindi):— किसी प्रतिरोध को परिपथ (circuit) में लगाने से पहले मल्टीमीटर के द्वारा उसका मान ज्ञात कर लेना चाहिए, क्योंकि प्रतिरोध का वास्तविक मान उस पर अंकित मान से भिन्न भी हो सकता है।
प्रतिरोध के मान की टेस्टिंग के लिए मल्टीमीटर का प्रयोग करना चाहिए। एक मल्टीमीटर में स्वयं की बैटरी होती है इसलिए प्रतिरोध को मापते समय किसी बाहरी सप्लाई स्रोत (supply source) की आवश्यकता नहीं होती है। प्रतिरोध के निर्माण के समय या बार–बार प्रयोग करने से उसके मान में दोष आने की संभावना होती है। प्रतिरोधक शॉर्ट सर्किट (short circuit) या ओपन सर्किट (open circuit) भी हो सकता है। दोषयुक्त प्रतिरोध लगाने से सर्किट के अन्य घटक प्रभावित हो जाते है तथा सर्किट में शॉर्ट सर्किट होने की संभावना भी बनी रहती है इसलिए एक प्रतिरोधक का उपयोग करने से पहले उसकी टेस्टिंग आवश्यक होती है। एक प्रतिरोधक का मान निम्नलिखित प्रकार से मापा जा सकता है।
find out resistance value by multimeter

1. सबसे पहले मल्टीमीटर लेकर उसे उचित स्केल पर सेट करना चाहिए। यदि प्रतिरोध का मान अंकित है तो उससे बड़ी जो भी सबसे पहली रेंज हो, उस पर मल्टीमीटर को सेट करना चाहिए जिससे की बेहतर रीडिंग मिल सके।
जैसे– यदि किसी मल्टीमीटर में 100Ω, 1kΩ, 10kΩ, 100kΩ, 1MΩ, 10MΩ इत्यादि रेंज है तथा यदि प्रतिरोध पर 50kΩ अंकित है तो 50kΩ से अगली बड़ी रेंज जो आपके मल्टीमीटर में उपलब्ध है अर्थात 100kΩ, इस पर रीडिंग मिलेगी।
यदि 10kΩ सेट करेगे तो चुकी प्रतिरोधक का मान 50kΩ (रेंज से अधिक) है, अतः अनंत (infinite) रीडिंग मिलेगी। यदि 1MΩ सेट करेगे तो भी रीडिंग त्रुटिपूर्ण (error) हो जायेगी।
यदि प्रतिरोधक का मान पता नही है तो सबसे पहले छोटी रेंज के मान से शुरू करना चाहिए फिर रेंज बढ़ाते जाना चाहिए।

2. मल्टीमीटर के भू टर्मिनल (earth terminal) तथा ओह्म टर्मिनल के बीच में प्रतिरोध संयोजित करके प्रतिरोध की रीडिंग नोट करना चाहिए। यदि मीटर की रीडिंग अनंत आ रही है तो रेंज बढ़ाकर देखना चाहिए।

3. यदि प्रतिरोध की रीडिंग शून्य (लघुपथ) या अनन्त (खुला परिपथ) आ रहा है या फिर अंकित मान की टॉलरेंस से बाहर आ रही है, तो प्रतिरोध दोषयुक्त है।

प्रतिरोध की टेस्टिंग करते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बाते (Points to be remembered while testing a resistor):— मल्टीमीटर से प्रतिरोध की टेस्टिंग करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए!
(A) मल्टीमीटर के तारों (leads) को हाथ से नहीं छूना चाहिए नही तो रीडिंग त्रुटिपूर्ण आयेगी क्योंकि ये हमारे शरीर का प्रतिरोध (लगभग 50kΩ प्रतिरोध के समांतर में आ जायेगा) भी गणना कर लेगा जिससे रीडिंग त्रुटिपूर्ण आयेगी।

(B) परिपथ में लगे हुए प्रतिरोध को जांचने से पहले इसके एक सिरे को निकाल लेना चाहिए अन्यथा परिपथ से जुड़े अन्य कंपोनेंट के कारण भी प्रतिरोध का मान त्रुटिपूर्ण आ सकता है।

(C) प्रतिरोधक का मान ज्ञात करते समय प्रतिरोध पर कोई बाहरी वोल्टेज नही लगा होना चाहिए अन्यथा मल्टीमीटर को नुकसान पहुंच सकता है।

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