अल्टरनेटर्स की विशेषताओं का अध्ययन | Study Of Alternator Characteristics

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अल्टरनेटर्स की विशेषताओं का अध्ययन (Study Of Alternator Characteristics In Hindi)

अल्टरनेटर्स की विशेषताओ का अध्ययन 3 प्रकार से किया जाता है। जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Alternator Ki Visheshta
Alternator Characteristics In Hindi

खुला परिपथ विशेषता या ओसीसी (Open Circuit Characteristics or OCC)


खुला परिपथ विशेषता वक्र को मैग्नेटिक कर्व (magnetic curve) भी कहा जाता है।
यह एंड्यूस ईएमएफ (induced emf) E और एक्साइटेशन करंट (excitation current) If के बीच बनता है।
Alternator Open Circuit Characteristics
यह ग्राफ, यह बताता है कि फील्ड को एक्साइट (excite) करने के लिए बाद इंड्यूस्ड ईएमएफ (induce emf) कितना था। यह डीसी जनरेटर की मैग्नेटिक विशेषताओं के समान होता है अतः इसे मैग्नेटिक कैरक्ट्रिस्टिक कर्व (magnetic Characteristics curve) भी कहा जाता है।
एक्साइटेशन करंट, फील्ड करंट को कहा जाता है। अल्टरनेटर की खुला परिपथ विशेषता वक्र डीसी जनरेटर के समान ही होता है।
इंड्यूस ईएमएफ और एक्साइटेशन करंट के बीच रैखिक (linear) क्षेत्र बनता है लेकिन एक स्थिति के बाद फील्ड सैचुरेट (field saturate) हो जाता है तथा प्रेरित ईएमएफ के मान में कोई वृद्धि नही होती है। यह ग्राफ इस बात की पुष्टि करता है की जैसे–जैसे फील्ड एक्साइटेशन बढ़ाते गए तो प्रेरित वोल्टेज के मान में कितनी वृद्धि हुई।
जब दो अल्टरनेटर सामान्तर में चलते हैं तो उनकी टर्मिनल वोल्टेज बराबर होनी चाहिए इस टर्मिनल को पूरी तरह से संतृप्त नहीं कर सकते हैं उस स्तर तक लेकर जाएंगे जितनी वोल्टेज ग्रिड के लिए आवश्यक है।
सिंक्रोनाइजेशन के बाद यदि फील्ड करंट को बढ़ाएंगे तो टर्मिनल वोल्टेज में वृद्धि नहीं होगी क्योंकि अब यह जनरेटर नहीं बल्कि एक अनंत बस–बार की भांति कार्य करेगा और एक अनंत बस–बार हमेशा कांस्टेंट वोल्टेज (constant voltage) और कंटेंट फ्रीक्वेंसी (constant frequency) देता है।

शॉर्ट सर्किट विशेषता या एससीसी (Short Circuit Characteristics or SCC)


शॉर्ट सर्किट विशेषता आर्मेचर करंट (armature current) Ia और एक्साइटेशन करंट (excitation current) If के बीच होती है। यहां आर्मेचर स्टेटर को कहते हैं।
जैसे-जैसे फील्ड एक्साइटेशन की करंट बढ़ती है वैसे-वैसे ईएमएफ बढ़ता जाता है। इस स्थिति में से शार्ट किया गया होता है अर्थात इस पर कोई लोड नहीं डाला गया होता है। इसलिए शॉर्ट सर्किट करंट (short circuit current) भी बढ़ती है इसलिए यह कर्व सदैव एक सीधी रेखा/रैखिक (straight line) होती है।
जैसे-जैसे फील्ड करंट बढ़ाते जाते हैं वैसे-वैसे आर्मेचर करंट बढ़ती जाती है और एक सीधी रेखा में चलती जाती है।

लोड कर्व या लोड विशेषता (Load Curve or Load Characteristics)


लोड कर्व यह बताता है कि भार के साथ अल्टरनेटर में क्या–क्या परिवर्तन आया।
Alternator Load Curve or Load Characteristics
लोड वक्र टर्मिनल वोल्टेज (terminal voltage) Vt और लोड करंट (load current) IL के बीच बनाया जाता है।
जब इकाई पावर फैक्टर हो तो वोल्टेज लगभग स्थिर होता है।
यदि अल्टरनेटर का पावर फैक्टर लैगिंग (lagging) हो तो टर्मिनल वोल्टेज घटता है तथा वोल्टेज रेगुलेशन 10% तक आ सकता है। (अर्थात अल्टरनेटर पर connected भार इंडक्टिव प्रकार का है)
एक ऐसी स्थिति भी आती है कि भार बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज बढ़ता है टर्मिनल वोल्टेज रेटेड मान से भी ऊपर हो जाता है। 440 वोल्ट से बढ़कर 460 वोल्ट तक है। (इस समय अल्टरनेटर पर संयोजित भार कैपेसिटिव प्रकार का होगा)

एक अल्टरनेटर के टर्मिनल वोल्टेज को प्रभावित करने वाले कारक


अल्टरनेटर के टर्मिनल वोल्टेज को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
1. आर्मेचर प्रतिरोध (armature resistance) Ra= Ia.Ra ड्रॉप
2. आर्मेचर प्रतिघात (armature reactance) Xa= Ia.Xa ड्रॉप
3. आर्मेचर प्रतिक्रिया (armature reaction)= अल्टरनेटर में आर्मेचर प्रतिक्रिया तीन प्रकार की होती है और यह भार के पावर फैक्टर पर निर्भर करती है।
4. पावर फैक्टर (power factor)

आर्मेचर प्रतिक्रिया के प्रकार (Types Of Armature Reaction)


(i). यूनिटी पावर फैक्टर (Unity Power Factor) या (Resistive Load)

इस समय आर्मेचर प्रतिक्रिया की प्रकृति क्रॉस मैग्नेटाइजेशन (cross magnetization) विक्षोभ या मैग्नेटिक डिस्टॉर्शन (magnetic distortion) प्रकार की होती है। इस समय फ्लक्स घनत्व असमान हो जाता है।

(ii). शून्य पावर फैक्टर/लैगिंग (Zero Power Factor/Lagging) या Inductive Load

इस समय आर्मेचर प्रतिक्रिया की प्रकृति वि–चुम्बकन या अचुम्बकन (de–magnetization) प्रकार की होती है।
इस समय आर्मेचर का फ्लक्स मुख्य फ्लक्स का विरोध करना शुरू कर देता है फलस्वरुप मुख्य फ्लक्स घटने लगता है जिससे प्रेरित ईएमएफ भी घटने लगता है।
इसके निवारण के लिए Excitation Current (If) को बढ़ा देना चाहिए।

(iii). शून्य पावर फैक्टर/लीडिंग (Zero Power Factor) या Capacitive Load

इस समय आर्मेचर प्रतिक्रिया की प्रकृति चुम्बकन प्रतिक्रिया (magnatization) प्रकार की होती है।
इस समय आर्मेचर फ्लक्स मुख्य फ्लक्स का सहयोग करता है फलस्वरूप ईएमएफ बढ़ जाता है इसलिए भार बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज (Vt) बढ़ जाता है इसलिए Excitation Current (If) को घटाया जाता है।

Alternator Characteristics (FAQ)

Q. एक एसी जनरेटर की शॉर्ट सर्किट विशेषता वक्र (short circuit characteristic curve) कैसा होता है?
Ans. सीधी रेखा (straight line)
Q. अल्टरनेटर के खुला परिपथ विशेषता वक्र को अन्य किस नाम से जानते हैं?
Ans. मैग्नेटिक कर्व (magnetic curve)
Q. अल्टरनेटर का खुला परिपथ विशेषता वक्र किसके–किसके बीच बनता है?
Ans. इंड्यूस्ड ईएमएफ (E) और एक्साइटेशन करंट (If)
Q. यूनिटी पावर फैक्टर पर अल्टरनेटर की आर्मेचर प्रतिक्रिया कैसी होती है?
Ans. क्रॉस मैग्नेटाइजेशन (cross magnetization)

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