प्लायर क्या होता है? | Electrician Hand Tools Plier

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प्लायर क्या होता है, तथा किस काम आता है?

इस आर्टिकल में इलेक्ट्रीशियन हैंड टूल प्लायर के बारे में बताया गया है प्लायर क्या होता है, प्लायर कितने प्रकार के होते है, प्लायर का काम क्या है तथा प्लायर का उपयोग करते समय क्या–क्या सावधानियां रखनी चाहिए। इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओ के बारे में इस आर्टिकल में बताया गया है।

प्लायर क्या होता है? (Pliers kya hota hai): सामान्य भाषा में प्लायर को प्लास कहां जाता है। प्लायर विद्युतकार के द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक ऐसा टूल (tool) है जिसकी सहायता है एक विद्युतकार तार को काट सकता है तथा विद्युत सप्लाई बंद किए बिना तारों को जोड़ सकता है। प्लायर हाथ से उपयोग होने वाला उपकरण है जिसका प्रयोग किसी वस्तु को कसकर पकड़ने, उसको अपनी इच्छा अनुसार मोड़ने में किया जाता है। प्लायर के कई प्रकार होते है तथा इन सभी प्रकार के प्लायर का उपयोग अलग–अलग काम के लिए किया जाता है। जिनके बारे में आप को आगे बताया जाएगा।
Types Of Pliers
Pliers In Hindi

प्लायर के प्रकार (Types of Pliers)

प्लायर कई प्रकार के होते है, इसलिए कार्य के अनुसार ही प्लायर का चयन करना चाहिए।
1. कॉम्बिनेशन प्लायर (Combination Plier): कॉम्बिनेशन प्लायर का उपयोग सामान्यतः तार को छिलने (इंसुलेशन हटाने), तार को मोड़ने और काटने के लिए किया जाता है। कॉम्बिनेशन प्लायर का उपयोग वायरिंग कार्यों में तार को काटने, मोड़ने, खींचने, पकड़ने और मरम्मत के लिए किया जाता है। ऊर्जीत लाइनों पर कार्य करने के लिए विद्युत इंसुलेटेड प्लायर का उपयोग किया जाता है। इनका साइज 150mm से 200mm तक होता है।
Combination Plier Kya Hota Hai

2. चपटी नाक प्लायर (Flat Nose Plier): यह 100mm, 150mm, 200mm साइज में उपलब्ध होते हैं। यह पतली प्लेटों, चपटी वस्तुओं को पकड़ने के काम आता है।
Flat Nose Plier Kya Hota Hai

3. लम्बी नाक प्लायर (Long Nose Plier): लॉन्ग नोज प्लायर 100mm तथा 150mm के साइज में आते है। जहां अंगुलिया नही पहुंच पाती है वहां छोटी वस्तुओं को पकड़ने के लिए लम्बी नाक प्लायर का उपयोग किया जाता है।
Long Nose Plier Kya Hota Hai


4. साइड कटिंग प्लायर (Side Cutting Plier Diagonal Cutting Plier): साइड कटिंग प्लायर 100mm तथा 150mm के साइज में आते है। यह छोटे व्यास के तांबे और एल्यूमीनियम की तारों को काटने के काम में आते है। सामान्यतः 4mm व्यास से कम के तार को काटने में। डायगोनल कटिंग प्लायर का उपयोग तिरछा काटने के लिए किया जाता है।
Diagonal Cutting Plier Kya Hota Hai


5. गोल नाक प्लायर (Round Nose Plier): गोल नाक प्लायर 100mm तथा 150mm के साइज में आते है। यह तार के हुक और लूप बनाने के काम में आते है।
Round Nose Plier Kya Hota Hai

प्लायर के भाग (Parts of Plier): एक प्लायर में निम्नलिखित मुख्य भाग होते है।
  1. जबड़ा: यह प्लायर के सबसे आगे का हिस्सा होता है। जोकि धातु का बना होता है इसी के द्वारा किसी वस्तु को पकड़ा जाता है।
  2. रिवेट: यह प्लायर के मध्य भाग में लगा होता है इसी की सहायता से प्लायर के दोनों छड़ों को जोड़ा जाता है। जबड़े व हैंडल के बीच में एक होल होता है इसी होल में रिवेट को डालकर जोड़ा जाता है जिससे यह काम करने योग्य हो जाता है।
  3. हैंडल: हैंडल हो ही हाथ से पकड़ कर प्लायर को काम में लिया जाता है। यह प्लायर का अहम भाग होता है क्योंकि इसी की सहायता से जबड़ों पर बल लगाया जाता है। एक विद्युत पर काम करने वाले प्लायर के हैंडल पर उचित इंसुलेशन ((proper insulation) होना चाहिए। जिससे की विद्युत शॉक का खतरा न रहे।

प्लायर का उपयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियां (Care and maintenance of Pliers)


1. प्लायर का उपयोग करने से पहले प्लायर के जबड़े और हैंडल की अच्छे से जांच कर लेनी चाहिए।
2. यदि प्लायर का उपयोग इलेक्ट्रीशियन द्वारा विद्युत कार्य के लिए किया जा रहा है तो प्लायर पर लगे इंसुलेशन की अच्छे से जांच करने के बाद ही उपयोग करना चाहिए।
3. प्लायर को जंग से बचाने के लिए प्लायर का उपयोग करने के बाद उसपर तेल लगाकर रखना चाहिए। ऐसा न करने पर जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
4. कार्य के अनुसार ही प्लायर का चयन करना चाहिए।
5. प्लायर का उपयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की उस पर ग्रीस व तेल नही लगा होना चाहिए। ग्रीस व तेल लगे होने पर उसे अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही प्रयोग करना चाहिए ऐसा न करने पर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
6. प्लायर का हथौड़े के रूप में कभी भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
7. प्लायर के कब्जेदार जोड़ों में समय–समय पर स्नेहक का उपयोग करते रहना चाहिए।
8. यदि रिवेट ढीला हो गया है तो उसे टाइट कर देना चाहिए।
9. प्लायर के कटर को साफ–सुथरा रखना चाहिए।

प्लायर किस काम में आता है (Use of Plier)


1. प्लायर वस्तुओं को पकड़ने, विद्युत वायरिंग के दौरान तारों को काटने, मोड़ने, ऊर्जित तारों (live wire) को जोड़ने व छोटे नट–बोल्ट खोलने के काम आता है।
2. प्लायर का उपयोग जहां अंगुलिया नही पहुंच सकती हैं वहां छोटी वस्तुओं को पकड़ने के काम आता है।
3. प्लायर का उपयोग तार के हुक व लूप बनाने में किया जाता है।

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