एसी और डीसी ट्रांसमिशन में अन्तर | Difference Between AC And DC Transmission

0
एसी और डीसी ट्रांसमिशन में अन्तर (AC Aur DC Transmission Main Antar)— इस आर्टिकल में एसी ट्रांसमिशन लाइन और डीसी ट्रांसमिशन लाइन में क्या अन्तर होता है। इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
AC Aur DC Transmission
DC Transmission And AC Transmission


एक एसी ट्रांसमिशन और डीसी ट्रांसमिशन में निम्न अन्तर होता है—
1. इन्सुलेशन (Insulation)— डीसी (dc) में वोल्टेज स्ट्रेस (voltage stress) कम होता है, इसलिए डीसी में कम इंसुलेशन की आवश्यकता होती है जबकि एसी में डीसी की तुलना में वोल्टेज स्ट्रेस (voltage stress) अधिक होता है इसलिए ऐसी (ac) में अधिक इंसुलेशन की आवश्यकता होती है।

2. पावर लॉस (Power Loss)— डीसी में पावर लॉस (power loss) केवल लोड करंट (load current) के कारण होता है। अर्थात जब लाइन से लोड जुड़ा हुआ हो तथा करंट लाइन में से प्रवाहित हो रही हो तो उस समय डीसी में I ²R हानि (loss) होगा और यदि लाइन में से कोई करंट नहीं चल रही होती है तो कोई लॉस नहीं होगा यानी कि डीसी में नो लोड (no load) पर किसी भी प्रकार का पावर लॉस नहीं होता है जबकि ऐसी में लोड करंट (load current) तथा नो लोड (no load) पर चार्जिंग करंट (charging current) के कारण (आवेशन करंट) पावर लॉस होता है।
आवेशन करंट (चार्जिंग करंट) लाइन में धारिता के कारण होता है।

3. लाइन की लंबाई (Length Of Line)— डीसी (dc) में लाइन की लंबाई के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
एसी (ac) में लाइन की लंबाई में वृद्धि होने से धारिता में वृद्धि होती है अतः लाइन की लंबाई सीमित रखी जाती है।
डीसी में लाइन की लंबाई कितनी भी रख सकते हैं इसके लिए कोई भी प्रतिबंध नहीं होता है लेकिन ऐसी में लाइन की लंबाई में वृद्धि होने से धारिता में वृद्धि होती है जिससे चार्जिंग करंट (charging current) में भी वृद्धि होती है। जिसके कारण पावर लॉस (power loss) बढ़ जाता है। इसी कारण ऐसी को ट्रांसमिट करने के लिए सब स्टेशन (sub station) बनाए जाते हैं। इस सब स्टेशन से एसी को फिर से हाई वोल्टेज (high voltage) में आगे भेजा जाता है। अतः ऐसी ट्रांसमिशन में लंबाई को कम रखा जाता है तथा जगह-जगह सब स्टेशन बनाए जाते हैं जिसकी वजह से ऐसी के ट्रांसमिशन में खर्च बहुत बढ़ जाता है अतः डीसी में ट्रांसमिट करके लागत बहुत कम कर ली जाती है।

4. चालकों के आधार पर (According To Conductor)— डीसी में केवल दो चालक (bipolar) पर ही ट्रांसमिशन संभव है जबकि एसी में 3 चालकों की आवश्यकता होती है जिससे ऐसी में खर्च बढ़ जाता है।

5. कोरोना हानि (Corona Loss)— डीसी में कोरोना लॉस (corona loss) बहुत कम होता है। लेकिन ऐसी में कोरोना लॉस बहुत अधिक होता है। इसलिए ऐसी ट्रांसमिशन में चालकों को पर्याप्त दूरी पर रखकर कोरोना प्रभाव को कम किया जाता है।
"लाइन में वोल्टेज स्ट्रेस (voltage stress) के कारण चारों ओर एयर ब्रेकडाउन (air breakdown) होना कोरोना हानि कहलाता है।

6. अंडरग्राऊंड केबल (Underground Cable)— डीसी में वोल्टेज का केबिल पर स्ट्रेस (stress) कम होता है। लेकिन ऐसी में वोल्टेज का केबल पर अधिक स्ट्रेस होता है। इसलिए एसी में परावैद्युत हानियां (dielectric loss) अधिक होती है। अतः ऐसी ट्रांसमिशन (ac transmission) में हाई इंसुलेशन (high insulation) की आवश्यकता होती है जिससे ऐसी ट्रांसमिशन महंगा (ac transmission costly) होता है।

7. वोल्टेज ड्रॉप (Voltage Drop)— डीसी में वोल्टेज ड्रॉप केवल प्रतिरोध (resistance) के कारण होता है और यह केवल तभी होता है जब धारा चलती है।
यदि धारा प्रवाहित नहीं हो रही होती है तो डीसी में किसी भी तरह का वोल्टेज ड्रॉप नहीं होता है जबकि एसी में प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) तथा प्रतिघात दोनों के कारण होता है।

8. ट्रांसमिशन (Transmission)— डीसी में जनरेटेड वोल्टेज (generated voltage) पर ही ट्रांसमिशन होता है। अर्थात यदि डीसी 650V उत्पन्न हुआ है तो 650V ही भेजना होगा जबकि ac में स्टेप अप (step up) करके उच्च वोल्टेज (high voltage) पर भी ट्रांसमिट कर सकते है।

एसी ट्रांसमिशन और डीसी ट्रांसमिशन में क्या अन्तर है (AC Transmission Aur DC Transmission Mein Kya Antar Hai)— एसी ट्रांसमिशन और डीसी ट्रांसमिशन से संबंधित ये आर्टिकल आप लोगो को कैसा लगा इसके बारे में हमे कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके जरूर बताएं तथा इसी तरह से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक से संबंधित जानकारी के लिए हमे जरूर फॉलो (follow) करे।

Post a Comment

0 Comments

Please do not enter any spam link in the comment box. All the comments are Reviewed by Admin.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top