प्रतिष्ठम्भ मोटर क्या है? | Reluctance Motor Working Principle | रिलक्टैंस मोटर की कार्यप्रणाली

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प्रतिष्ठम्भ मोटर क्या है? (Reluctance motor in hindi)

प्रतिष्ठम्भ मोटर सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर की श्रेणी में आती है। हिस्टेरिसिस मोटर की भांति यह भी अनएक्साइटेड सिंक्रोनस (unexcited synchronous motor) मोटर है। यह मोटर इंडक्शन मोटर की भांति स्टार्ट होती है। बाद में इसको सिंक्रोनिज्म में खींच लिया जाता है। रिलक्टेंस मोटर मैग्नेटिक फ्लक्स में बाधा उत्पन्न करने के सिद्धांत पर आधारित है। इस मोटर के दो मुख्य भाग होते हैं।
1. स्टेटर
2. रोटर

स्टेटर (Stator):— इस मोटर का स्टेटर सिंगल फेज स्प्लिट फेज मोटर की भांति होता है। इसलिए मोटर के दो प्रकार होते हैं। तथा दोनों प्रकार स्टेटर की संरचना पर आधारित होते हैं।
1. स्प्लिट फेज टाइप (split phase type)
2. परमानेंट कैपेसिटर टाइप (permanent capacitor type)

स्प्लिट फेज टाइप व परमानेंट कैपेसिटर टाइप दोनों में एक बात कामन होती है कि इनमें दो वाइंडिंग होती है। एक वाइंडिंग को मुख्य वाइंडिंग (main winding) तथा दूसरे को सहायक वाइंडिंग (auxiliary winding) कहते हैं। दोनों वाइंडिंग 90 डिग्री फेज अन्तर पर होती है। तथा यह 90 डिग्री का फेज अन्तर एक प्रकार से रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड (rotating magnetic field) का निर्माण करता है। यदि मोटर साधारण स्प्लिट फेज (ordinary split phase) प्रकार का है तो एक सेंट्रीफ्यूगल स्विच होगा और यदि परमानेंट कैपेसिटर प्रकार का है तो एक कैपेसिटर लगा होगा।

रोटर (Rotar):— प्रतिष्ठम्भ मोटर के रोटर पर कोई दाते नहीं होते, कोई स्लिप नहीं होता है, कोई वाइंडिंग नहीं होती, तथा कोई ब्रश नहीं होता है।
रिलक्टेंस मोटर का रोटर साधारण केज टाइप होता है। साधारण केज टाइप रोटर को ही थोड़ा सुधार करके बनाया जाता है। इसलिए इसके रोटर को असममितीय पिंजरा टाइप (unsymmetrical cage type) रोटर कहते है।
इस मोटर का रोटर असममित पिंजरा टाइप होता है जिस पर प्रोजेक्टेड पोल होते हैं। प्रोजेक्टेड पोल का ही दूसरा नाम शैलिएंट पोल (salient pole) होता है।

असममित का क्या अर्थ होता है?:— जो सममित रोटर था (केज टाइप का) जिसके एंड रिंग (end ring) पर बराबर केज/छड़े थी इसमें कुछ रोटर दांत (teeth) को वहां से साफ/हटा दिया जाता है। अर्थात रोटर में जो स्लॉट कटे थे जिनमें हमें एल्यूमीनियम की बार/छड़े डालनी थी वहां से कुछ हटा दी जाती है। जैसे की चित्र में आप देख सकते है।
Reluctance Motor Kaise Kaam Karta Hai
Reluctance Motor In Hindi

रिलक्टैंस मोटर की कार्यप्रणाली (Reluctance motor working principle in hindi):— रोटर का असममित भाग परिवर्ती रिलक्टेंस (variable reluctance) प्रदान करता है। रोटर, स्टेटर फ्लक्स के लिए एक परिवर्ती प्रकार का रिलक्टेंस प्रस्तुत करता है। जोकि स्टेटर फ्लक्स पर निर्भर होता है। अर्थात स्टेटर का फ्लक्स जिस तरह से बनेगा रोटर उसी तरह से उसके लिए प्रतिबाधा उत्पन्न करेगा। जब स्टेटर को सिंगल फेज की एसी सप्लाई (ac supply) दी जाती है तो रोटर स्वतः ही उच्च फ्लक्स घनत्व की ओर अपने आप को एलाइन (align) कर लेता है। (उच्च फ्लक्स घनत्व पर रिलक्टैंस निम्न होता है)
निम्न रिलक्टैंस मार्ग पर रोटर प्रेरण के कारण स्टार्ट हो जाता है तथा धीरे-धीरे उच्च गति प्राप्त करता है। जैसे ही 75% से ऊपर गति जाती है सेंट्रीफ्यूगल स्विच ओपन हो जाता है और यदि परमानेंट कैपेसिटर प्रकार का है तो सहायक वाइंडिंग (auxiliary winding) लगातार लगी रहेगी। रोटर जैसे ही थोड़ा और उच्च गति पर जायेगा स्टेटर उसको सिंक्रोनिज्म में खींच लेगा तथा मैग्नेटिक लॉकअप के कारण मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर चलने लगेगी।

रनिंग के दौरान रोटर पोल्स, स्टेटर पोल्स से पीछे (lag behind) होता है। तथा जिस कोण पर होता है उस कोण को टॉर्क एंगल कहा जाता है।
45 डिग्री पर अधिकतम टॉर्क (maximum torque) प्राप्त होता है।
45 डिग्री से ऊपर टॉर्क बढ़ने का प्रयास करता है तो (अर्थात रोटर और पिछड़ने का प्रयास करता है) मोटर सिंक्रोनिज्म से बाहर आ जाएगी और फिर से एक इंडक्शन मोटर की भांति चलने लग जाएगी अर्थात बहुत कम गति हो जाएगी।

रिलक्टैंस मोटर की विशेषताएं (Reluctance motor characteristics):— एक रिलक्टेंस मोटर में निम्नलिखित विशेषताए होती है।

1. रिलक्टेंस मोटर अनएक्साइटेड सिंक्रोनस मोटर होता है।
2. रिलक्टेंस मोटर के रोटर पर कोई दांते नहीं होती है, कोई फील्ड वाइंडिंग नहीं होती है, किसी भी तरह की कोई एक्साइटेशन की आवश्यकता नहीं होती है, कोई ब्रुश नहीं होता है और कोई स्लिप रिंग नहीं होता है।
3. रिलक्टेस मोटर की गति नियत (constant speed) होती है।
4. रिलक्टेंस मोटर की संरचना सरल होती है।
5. रिलक्टेंस मोटर को कम अनुरक्षण की आवश्यकता होती है। तथा इसका अनुरक्षण भी आसान होता है।
6. रिलक्टेंस मोटर का टॉर्क 200–400% होता है। तथा इस मोटर का टॉर्क सिंक्रोनिज्म की अवस्था में 200–300% तक होता है।

रिलक्टेंस मोटर का उपयोग (Reluctance motor uses):— रिलक्टेंस मोटर का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है।

1. रिलक्टेंस मोटर का उपयोग सिग्नली (signally) के लिए किया जाता है अर्थात सिग्नल डिवाइस में।
2. रिलक्टेंस मोटर का उपयोग टाइमिंग सर्किट जैसे (डिजिटल क्लॉक) में किया जाता है।
3. रिलक्टेंस मोटर का उपयोग साउंड रिकॉर्डिंग सिस्टम (sound recording system) में किया जाता है।

FAQ:— 

प्रश्न— सिंगल फेज रिलक्टेंस मोटर में अधिकतम टॉर्क किस कोण पर मिलता है?
उत्तर— 45° कोण पर
प्रश्न— रेलक्टेंस मोटर का टॉर्क कितना होता है?
उत्तर— 200–400% तक
प्रश्न— रेलक्टेंस मोटर को अन्य किस नाम से जानते है?
उत्तर— अनएक्साइटेड सिंक्रोनस मोटर
प्रश्न— कौन सी ऐसी सिंगल फेज की दो मोटरे है जिनके रोटर पर वाइंडिंग नहीं होती है?
उत्तर— रिलक्टेंस मोटर और हिस्टेरिसिस मोटर
प्रश्र— रिलक्टेंस मोटर में कितनी स्लिप होती है?
उत्तर— शून्य
प्रश्न— रिलक्टेंस मोटर का रोटर कैसा होता है?
उत्तर— असममितीय पिंजरा टाइप
प्रश्न— दो अनएक्साइटेड सिंक्रोनस मोटर के नाम बताइए?
उत्तर— रिलक्टेंस मोटर और हिस्टेरिसिस मोटर

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2 Comments

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  1. बहुत ही अच्छे से समझाया गया है धन्यवाद आपको

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